अगर बेताबियों के साथ हर पल गुज़रता है,
अगर किसी के ना होने का दर्द तुम्हे भी होता है,
अगर कुछ कर गुजरने का जज़्बा रखते हो तुम,
अगर सच कहने से नहीं डरते हो तुम,
अगर कुछ है जो तुम्हे गलत करने से रोकता है,
आगर राह गम के भी साथ कोई होता है,
अगर रातों में सपना सजाते हो तुम,
अगर दिन भी चाँद दिखाते हो तुम,
तो और कोई हो न हो,
तुम,
तुम्हारे हो।
– श्रुति