Hello की tone से समझ जाती है,
मेरे मन की खलबली को,
चुप रहूं, तो भाप लेती है,
मेरे दिल में उभर रही तरंगों को,

ऊंची आवाज़ में मैं कभी जो बोल देती हूं उससे,
समझ जाती है वो, किसी और से नाराजगी को,
जो मैं कहने के लिए कहूं की हां सब बढ़िया है,
जान जाती है बिन बताए परिस्थितियों की गहराइयों को,

पूरे दिन की कसरत में ,
जो थक जाया करती है,
शिकायत करने से कतराया करती है,
जो मन्न पसंद पकवान की बस बात करूं,
अगले ही पल रसोई में वो मिलती है।

एक वहीं है जिसे कई दशक बीतने के बाद भी में consistent का खिताब दे सकती हूं,
मेरे किससो की encyclopedia एक वहीं तो है,
दिल जीते हो मैंने या खुद का टूट जाने दिया हो जाने कितनी बार,
मेरे हर अनुभव की सीख कहीं ना कहीं उससे हो के गुजरती है।

मेरी शक्ल जैसे कोई पसंदीदा किताब हो उसकी,
भाव हल्के से क्या बदलते है,
ज़रूरत और दर्द टटोल लेती है।

सुबह देर से हो मेरी, तो कोई बात नहीं,
रात में जब तक घर ना लौटू ,
वो सजदे में रहती है।

सफर करने की आदत है मुझे लेकिन,
ट्रेन या flight जब भी रात की schedule होती है,
जागा वो करती है।

रूठती है तो एक ही सजा देती है वो,
शांत रह कर मुझे झंझोर देती है,
उसकी चुप्पी मुझे रास नहीं आती,
उसकी आवाज़ ही है मुझे बेहद हसांती और रुलाती।

कि जो मैं अगली बार उससे मिल पाऊं,
तो सीने से लगाऊं, अपनी गोद में सिर रख कर उसका घंटो उसके favourite गाने संग गाऊ,
थोड़ा हाथ बटाऊं घर के कामों में,
नाचूं , उसके किस्सों को उसकी तरह सुन पाऊं,
जी पाऊं थोड़ा और,
माँ के करीब होने का सफर।

https://www.facebook.com/mainedekhahai/videos/547529769250408/

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