समझते भी हो,
इतराते भी,
लफ़्ज़ों की लड़ी है साथ,
साथ है ख़ामोशी की खंकार भी,
मनाते भी हो,
छेड़ने का कोई अवसर गंवाते भी नहीं,
फिक्र करते हो,
‘नहीं तो’ कहने से कतराते भी नहीं,
हर कदम साथ हो,
नाराज़ होने पर, चेहरे की  अभिव्यक्ति छिपाते भी नहीं,
छिप कर हमारे साथ होने की दुआ करते हो,
खुल के जताते भी नहीं,
कहो न कहो,
प्यार तो तुम्हे भी है हमसे,
अब कह भी दो “हाँ है ”
“हाँ है” “हाँ है”

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